पर्याप्त नींद से बचा जा सकता है मधुमेह से



 एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर आप भरपूर नींदेते हैं तो आप में टाइप ..2 मधुमेह होने का जोखिम काफी कम हो जाता है। 
लास ऐंजिलिस बायोमेडिकल रिसर्च इस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि सप्ताहांत में तीन रात की अच्छी नींद काफी हद तक इंसुलिन की सक्रियता बढा देती जिसके न बनने अथवा शरीर पर उसकी प्रतिक्रिया नहीं होने से यह बीमारी होती । 
प्रमुख अनुसंधानकर्ता डा. पीटर लिउ ने बताया ्र ‘‘ हम सभी जानते हैं कि पर्याप्त नींद जरूरी है लेकिन अधिक काम की वजह से समय नहीं निकाल पाते । हमारे अध्ययन में पाया गया
कि नींद के घंटे बढा देने से शरीर के इंसुलिन का इस्तेमाल करने की क्षमता बढती है और प्रौढ व्यक्तियों में टाइप..2 मधुमेह का जोखिम कम हो जाता है ।’’
इंसुलिन किसी व्यक्ति के रक्त में शर्करा के स्तर को नियमित करने के लिये जिम्मेदार है । टाइप..2 मधुमेह के मरीज का शरीर उससे निकलने वाले इंसुलिन का कारगर ढंग से इस्तेमाल नहीं करता अथवा इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया नहीं करता ।
लिउ ने कहा ्र ‘‘अच्छी खबर है कि प्रौढ व्यक्ति जो अधिक काम की वजह से पर्याप्त नहीं सो पाते हैं ्र वे अगर सोने के घंटे बढा दें तो यह जोखिम कम हो सकता 
है । ’’

चीन: लोग 'मिर्ची' से सिरदर्द का इलाज करते थे?

मिर्च
चीन में पिछले दिनों एक निर्माण स्थल पर बाँस की कुछ खपच्चियाँ मिली हैं, जिनसे संकेत मिलते हैं कि दो हज़ार साल पहले वहाँ लोग किस तरह से अपनी बीमारियों का इलाज करते थे.
बाँस के इन खपच्चियों पर लिखी इबारतों से पता चलता है कि वे सिरदर्द का इलाज मिर्च जैसे किसी फल से करते थे और सांड़ के मूत्र से पीलिया ठीक किया जाता था.
चीन के अखबार क्लिक करें'चाइना डेली' की खबर के मुताबिक ऐसी 920 बाँस की खपच्चियाँ मिली हैं जिन पर इस तरह की सलाह लिखी हुई है.
उस जमाने में कुछ लिखने के लिए बाँस की खपच्चियाँ ही ज्यादातर इस्तेमाल में लाई जाती थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चेंगदू शहर के दक्षिण पश्चिमी इलाके में एक निर्माण स्थल पर बाँस की ये खपच्चियाँ बरामद की गईं.
इस इलाके में पश्चिमी हान वंश के अन्य अवशेष भी प्राप्त हुए हैं. इस राजवंश का काल ईसा से 206 साल पहले का माना जाता है.

मेडिकल साहित्य

बाँस की खपच्चियों पर लिखी इबारतों में से कुछ के बारे में ये अंदाज़ा है कि ये घोड़ों के डॉक्टर के काम आने वाले नुस्खे हैं जबकि इनमें से कुछ इंसानी बीमारी से संबंधित हैं.
चेंगदू पुरातत्व संस्थान के शी ताओ का कहना है कि बियान क्वे के उत्तराधिकारियों का लिखा मेडिकल साहित्य गुम ही हो जाता.
बियान क्वे को चीन के सबसे पुराने ज्ञात डॉक्टरों में शुमार किया जाता है.
कहते हैं कि बियान क्वे ने ही नब्ज पकड़ने का हुनर सिखाया था, उन्होंने ही मरीज को बेहोश या किसी अंग को सुन्न करने का तरीका बताया.
किवंदती ये भी है कि बियान क्वे ने ही पहली बार अंग प्रतिरोपण भी किया था.